
हेलो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में Home Loan Tips के बारे बताया गया है अगर आपके पास घर खरीदने के लिए पूरे पैसे नहीं हैं तो Home Loan के सहारे आप अपना सपना पूरा कर सकते हैं. हालांकि Home Loan की किस्त चुकाना एक बड़ी जिम्मेदारी है।
Contents
Home Loan Tips for First Time Buyers
Home Loan हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना घर हो. अगर आपके पास घर खरीदने के लिए पूरे पैसे नहीं हैं तो होम लोन के सहारे आप अपना सपना पूरा कर सकते हैं. बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां आपको लंबी अवधि का कर्ज दे सकती हैं।
इसके बदले में मासिक किस्त के रूप में एक निश्चित रकम बैंक या NBFC को एक निश्चित अवधि (10, 20 या 30 साल) तक चुकाते हैं। जिसमें आप कर्ज की मूल रकम और ब्याज को लौटा देते हैं। यही होम लोन है हालांकि होम लोन कि किस्त चुकाना एक बड़ी जिम्मेदारी है। हम आपको आज कुछ ऐसे टिप्स के बारे में बताएंगे जिनकी मदद से आप अपने EMI का बोझ हल्का कर पाएंगे।
Things to Consider Before Taking Home Loan in India
- EMI को करने के लिए आप अपने टेन्योर के दौरान पार्शियल प्रीपेमेंट कर सकते हैं।
- अगर आप पार्शियल प्रीपेमेंट करते हैं तो कुल लोन राशि का एक हिस्सा वितरित करने में मदद मिलती है और इससे EMI कम हो जाएगी।
- अतिरिक्त आय को बचाने जैसे आसान तरीके प्रीपेमेंट को करने में मदद कर सकती हैं।
Things to Know Before Taking Home Loan
EMI का बोझ कम करने के लिए आप अपना टेन्योर बढ़वा सकते हैं.
अगर किसी पर बड़ा लोन है तो इससे कुछ राहत पाने के लिए यह सबसे अच्छा तरीका है।
Home Loan Tips and Tricks
- लोन लेने से पहले आर्थिक स्थिति को जांच लें
- लोन की रकम ऐसे तय करें
- लोन फीचर्स की तुलना करें
- ज्यादा डाउन पेमेंट देने का फायदा
- इतना होना चाहिए इमरजेंसी फंड
Also Read: Bajaj Finance Loan: बजाज फाईनान्स से लोन कैसे ले?
फिक्स्ड और फ्लोटिंग दरें
- निश्चित दर वाले Home Loan में कर्जदाता लगभग 1-2% अधिक शुल्क लेते हैं।
- इसलिए शुरू से ही फ्लोटिंग रेट वाला लोन लेना कहीं अच्छा ऑप्शन है।
- अगर आप ने पहले निश्चित दर वाला लोन लिया है तो आप बीच में भी फ्लोटिंग दरों पर शिफ्ट हो सकते हैं लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आपका लेंडर इसकी अनुमित दे।
- यदि आपके कर्जदाता के पास यह प्रावधान है, तो फ्लोटिंग दरों पर कड़ी नजर रखें और इसके आधार पर बदलाव करें।
Home Loan Tips in Hindi
- अधिकांश कर्जदाता और वित्तीय संस्थान उधारकर्ताओं को अपने कर्ज को अन्य बैंकों या उधारदाताओं को ट्रांसफर करने का विकल्प देते हैं।
- कर्ज राशि मिलने के बाद विभिन्न उधारदाताओं से कर्ज प्रस्तावों की तुलना करती रहनी चाहिए।
- यह जरूरी है कि आप टेन्योर के दौरान अन्य ब्याज दरों की जांच करते रहें और उसी के अनुसार अपना कर्ज उस कर्जदाता को ट्रांसफर करें।